मे जितनी बार गिरूगा
उतनी बार उठूगा' २होसलो के तरकस मे
हर बार तुलूगा "
तुम जोर लगा लो सारा
मे फिर भी हार ना मानु गा' २
जब तक जिन्दा
है उमीद किरन की
मे आस ना छोडू गा "
मे जितनी बार गिरूगा
उतनी बार उठूगा '
होसलो के तरकस मे
हर बार तुलूगा "२
जब पङगे पाँव मे चाले
वो दर्द कुछ ओर होगा '२
होगी मंन्जिल सामने मेरे
वो मंन्जर कुछ ओर होगा "
जब होगी तारीफ मेरी जीत '
वो खुशी का समन्र्द
कुछ ओर होगा "२
अरे मे जितनी बार गिरूगा
मे उतनी बार उठुगा '
होसलो के तरकस मे
मे हर बार तुलूगा "२
SHAYAR BHAGIRATH
Nice line
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